जो व्यथा हर ले, वही कथा है – पद्मश्री डा. भारत भूषण
सहारनपुर – 29 मई – दि. 24 मई से मंगलेश्वर महादेव मंदिर में निरंतर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा। सुबह 6.30 से 8.30 तक योग शिविर का आयोजन किया गया जिसमें प्रख्यात योगी श्री प्रेम शंकर मिश्रा ने योग साधकों को योगाभ्यास व प्राणायाम कराया। इसके पश्चात् पद्मश्री डा. भारत भूषण ने योग साधकों को योग का अर्थ व महत्व समझाते हुए कहा कि योग केवल आसनों व मुद्राओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण जीवन दर्शन है, जीवन जीने की कला है। योग आत्मा द्वारा परमात्मा का साक्षात्कार करने का न केवल मार्ग दिखाता है, बल्कि इस राह को सरल भी बनाता है। डा. एस. के. उपाध्याय के आग्रह पर उन्होंने मंगल नगर से आये हुए योग साधकों व योग साधिकाओं को एक सप्ताह के लिये योग प्रशिक्षण प्रदान करने का संकल्प भी लिया। श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान के संचालक भागवत भूषण पं. जय प्रकाश याज्ञिक का भी उन्होंने साधुवाद किया जो अत्यन्त मनोरम और मन की व्यथा को हर लेने वाली शैली में श्री मद् भागवत जैसे अनुपम और विशाल ग्रंथ की कथा आपको प्रतिदिन सुना रहे हैं।
योग शिविर की विहंगम झांकी
भक्ति युक्त ज्ञान ही जीवन को सरस बनाता है
शाम को कथा का पारायण करते हुए व्यासपीठ से याज्ञिक जी ने कथा का मर्म स्पष्ट करते हुए श्रोताओं को कहा कि वास्तविक विवेक का उदय तभी होता है जब हम स्वयं अपनी त्रुटियों और कमियों का एहसास करने लगें और ईमानदारी से उनके लिये पश्चाताप करने को तत्पर हों। ऐसा तभी होगा जब ज्ञान के फल विवेक में भक्ति का रस प्रकट होगा, अन्यथा ज्ञान कच्चा है, रुक्ष व अहं पोषक है। प्रेम और भक्ति युक्त ज्ञान, पके हुए फल की भांति मीठा, रसीला और तुष्टि व पुष्टि कारक है।
याज्ञिक जी ने आगे बताया कि उद्धव जी ज्ञानी भक्त थे परन्तु प्रभु प्रेमी गोपियों का सान्निध्य पाकर वे गोपीउद्धव हो गये, प्रेमी उद्धव हो गये। गोपियां उनकी गुरु बनी और उनकी प्रेरणा से श्री राधा जी ने उद्धव जी को प्रेम मंत्र की दीक्षा दी। वर्षों की तपस्या से ज्ञान अर्जित करने वाले उद्धव जी को अनपढ़ किन्तु प्रभु प्राप्ति का रहस्य जान चुकी गोपिकाओं ने प्रेममय प्रभु भक्ति का सहज व सरल मार्ग दिखाया और उद्धव जी का जीवन कृष्णमय कर दिया।
सार्वजनिक अभिनन्दन समारोह
कथा समाप्ति के पश्चात् श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान की सहारनपुर इकाई द्वारा सहारनपुर के अनेक सम्मानित मनीषियों, समाज सेवियों, साहित्यकारों और उन सभी चिकित्सकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने 22 मई को ग्राम सतपुरा में आयोजित किये गये स्वास्थ्य जांच शिविर में उपस्थित रह कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की थी। इस अभिनन्दन कार्यक्रम का शुभारंभ योगीराज पद्मश्री डा. भारत भूषण जी के सार्वजनिक अभिनन्दन से हुआ। संस्था के उपाध्यक्ष सुशान्त सिंहल ने पद्मश्री भारत भूषण जी को दिया गया अभिनन्दन पत्र पढ़ कर सुनाया और डा. एस. के. उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट श्री राजेश गुप्ता, कार्यक्रम का संचालन कर रहे संदीप शर्मा, संस्था के अध्यक्ष श्री सत्य प्रकाश शर्मा व श्री नन्द किशोर अत्रे ने शॉल व श्रीफल भेंट करके उनका अभिनन्दन किया। उनके अलावा महन्त कौशलेन्द्र स्वामी, पं. वासुदेव शर्मा ’निर्मोही’, शंकर लाल उत्तम, डा. आर. एस. त्यागी, डा. एस. के. गुप्ता, जावेद खान सरोहा, डा. वीरेन्द्र आज़म, एम. रियाज़ हाशमी, योगाचार्य रणदेव जी, सुरेन्द्र कपिल, हरिशंकर गोनियाल, अजय सिंघल आदि को भी सम्मानित किया गया। स्वास्थ्य जांच शिविर में भाग लेने वाले चिकित्सकों – डा. अंकुर उपाध्याय, डा. नूतन उपाध्याय, डा. संजय कपिल, डा. नितिन गुप्ता, डा. मयंक जैन, डा. सुनील शर्मा, डा. विराम उपाध्याय, डा. दीप्ति उपाध्याय और डा. महेश शर्मा का भी अभिनन्दन किया गया। सिटी मजिस्ट्रेट राजेश गुप्ता जी की पूज्या माताजी की उपस्थिति पर विशेष हर्ष प्रकट करते हुए मंगल नगर महिला मंडल की आयोजिकाओं ने उनका भी अभिनन्दन किया।
मंगल नगर मंदिर के प्रांगण में आयोजित किये जाने वाले इस ज्ञानयज्ञ कार्यक्रम की सबसे प्रमुख विशेषता यह रही है कि इसके सुचारु संचालन का समस्त दायित्व महिलाओं द्वारा गठित आयोजन समिति ने संभाला है। उनका उत्साह कुछ ऐसा ही प्रतीत होता रहा मानों उनके घर में विवाह कार्यक्रम आयोजित हो रहा हो। पूरे उत्साह से दौड़ – दौड़ कर उन्होंने विभिन्न जिम्मेदारियों को वहन किया । उनकी इस भावना व उत्साह की सभी वक्ताओं ने भूरि – भूरि प्रशंसा की। महिला मंडल ने आशा प्रकट की कि श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान मंगल नगर मंदिर के प्रांगण में, भविष्य में भी नियमित अन्तराल पर उनके लाभ हेतु विभिन्न आयोजन करता रहेगा जिसका उनको पूरा आश्वासन दिया गया।
I found it as an excellent sangam of physical and spiritual self for the purification of oneself.shrimad bhagwat katha and a yoga shivir in the pious presence if you guru padam shri Dr Bharat Bhushan Ji and shri Yagikji Ji.I felt a pleasant experience myself there.
My best wishes to all the office bearers and members of sewa sansthan Saharanpur unit.keep it up.