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सत्य वचन
अहंकार (EGO)वास्तव मेँ हमारी असल स्वरूप के इर्द गिर्द हमारे ही द्वारा बुना गया एक बनावटी आवरण मात्र हैं जिसके कारण वो दिखता हैं जो हम हैं ही नही । इसी भ्रमवश हम एक दिन सब कुछ होते हुए भी अकेले पड़ जाते हैं ।अहंकार की अग्नि मे व्यक्ति स्वयं ही नही बल्कि उसका संपूर्ण वंश भस्म हो जाता हैं ।
🙏 विद्या औऱ ज्ञान पाकर विनम्र औऱ उदार बने । 🙏
आप सबको विजय दशमी के पावन पर्व पर शुभ कामनाऐं
प्रणाम 🙏
सत्य प्रकाश शर्मा “सत्य”