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सत्य वचन
घर , परिवार, औऱ समाज की रीति, रिवाज, संस्कार कोई बोझ भार नही बल्कि ये सब सुरक्षा कवच हैं जो प्रगति की उड़ान के समय भी अभेद्य किले की तरह व्यक्तित्व मे मौलिकता देकर लक्ष्य तक सुरक्षित पहुचने मे सहयता करते हैं ।
सत्य प्रकाश शर्मा “सत्य”