कोटि विप्र वध लागहिं जाहू। आऍ सरन तजऊं नहिं ताहू।। सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं। जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं।। श्रीरामचरित मानस (सुंदरकांड) 5-44 हम गुरु संदेश सु... Read More →
हरि ॐ… ऊँ नमो नारायणाय🙏🙏 श्री सद गुरुवे नम:!! हम गुरु संदेश सुनातें हैं- संतुष्ट सततं योगी, यतात्मा दृढ़निश्चय:! मय्यर्पितमनोबुद्धियोर्मद्भक्त: स मे प्रिय:!! 12-14... Read More →
पूज्य पंडित भागवत भूषण जय प्रकाश जी ‘याज्ञिक’ जी ने बताया कि द्वेष भाव हमारी अज्ञानता से उपजता है ! ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी किसी से द्वेष भाव नहीं रखते है... Read More →
सत्य वचन संसार मे रहते हुए भी संसार मे डूबना नही हैं । जैसे दीपक की बाती तेल मे डूब जाये तो प्रकाश लुप्त हो जाता हैं । अतः संसार सागर मे तैर कर स... Read More →
मेरे देश की बेटी विवाह पश्चात ना केवल अपने पति औऱ पुत्र की दीर्घायु के लियें निर्जल रहती हैं बल्कि अपने बाबुल औऱ भाई की खुशहाली की भी व्रत पूर्ण कामना करती हैं । धन्य हैं... Read More →
मेरे देश की बेटी विवाह पश्चात ना केवल अपने पति औऱ पुत्र की दीर्घायु के लियें निर्जल रहती हैं बल्कि अपने बाबुल औऱ भाई की खुशहाली की भी व्रत पूर्ण कामना करती हैं । धन्य हैं... Read More →