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छल कपट से भरा हृदय लिए व्यक्ति मुझे नहीं सुहाते : प्रभु श्री राम

कोटि विप्र वध लागहिं जाहू। आऍ सरन तजऊं नहिं ताहू।। सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं। जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं।। श्रीरामचरित मानस (सुंदरकांड) 5-44 हम गुरु संदेश सुनातें हैं- भागवत भूषण पंडित जय प्रकाश जी याज्ञिक महाराज ने आज प्रभु श्रीराम और सुग्रीव का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि प्रभु की...
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सदैव संतुष्ट और प्रसन्न कैसे रहें?

हरि ॐ… ऊँ नमो नारायणाय🙏🙏 श्री सद गुरुवे नम:!! हम गुरु संदेश सुनातें हैं- संतुष्ट सततं योगी, यतात्मा दृढ़निश्चय:! मय्यर्पितमनोबुद्धियोर्मद्भक्त: स मे प्रिय:!! 12-14 (भगवद्गीता ) भगवान कह रहे हैं- जो मेरा हो गया है जिसने अपने मन इन्द्रियों के साथ शरीर को अपने वश में कर ...
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मनस्येकं वचस्येकं कर्मस्येकं सज्जनाम् : पूज्य याज्ञिक जी महाराज

यदि हमें आनंद, संतोष और तृप्ति चाहिए तो उसका एक ही उपाय है और वह ये कि हमें अपने मन में, वचन में और कर्म में एकरूपता लानी होगी और यह तभी हो सकता है जब हम किसी ज्ञानी सत्पुरुष के चरणों में बैठें और उनके सिखाये अनुसार पूरी एकाग्रता से प्रभु का ध्यान करें ! याज्ञिक जी ने सु...
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द्वेष भाव अज्ञान का लक्षण है : महाराज याज्ञिक जी

पूज्य पंडित भागवत भूषण जय प्रकाश जी ‘याज्ञिक’ जी ने बताया कि द्वेष भाव हमारी अज्ञानता से उपजता है !  ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी किसी से द्वेष भाव नहीं रखते हैं, उनसे भी नहीं जो उनसे द्वेष रखते हैं !  ज्ञानी व्यक्ति सभी से मित्रता का व्यवहार करतें हैं। वे करुणावान ह...
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संतोष, संयम और सहनशीलता के प्रतीक हैं सुदामा : याज्ञिक जी

सहारनपुर : 9 अप्रैल 2018 :  श्री हरि मंदिर आवास विकास में श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान के द्वारा आयोजित सप्ताह भर के श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का समापन करने से पूर्व कथाव्यास पं. जय प्रकाश याज्ञिक जी ने सुदामा और कृष्ण की मित्रता और भक्ति के रहस्य पर से पर्दा उठाते हुए बता...
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योग स्थूल से सूक्ष्म की ओर यात्रा है : योगाचार्य सुरेन्द्र

सहारनपुर – 7 अप्रैल, 2018 :  योग साधना स्थूल से सूक्ष्म,प्रदर्शन से दर्शन,द्वंद्व से निर्द्वंद्विता और अनंत की ओर प्रयाण है। ‘योग’ साधक के जीवन की एक घटना है और यह उसी सुपात्र साधक के जीवन में घटती है जो गुरु मार्गदर्शन में योग के शास्त्रोक्त स्वरूप को स...
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बिना आसक्ति के उपभोग ही श्रेष्ठ : भागवत भूषण

सहारनपुर – 5 अप्रैल, 2018 :  हरि मंदिर, आवास विकास में श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान (रजि.) द्वारा आयोजित श्रीमद्‍ भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे सत्र में कथा व्यास भागवत भूषण पं. जय प्रकाश जी ’याज्ञिक’ ने उपस्थित श्रद्धालुओं को कहा कि शरीर धर्म के निर्वाह के लि...
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निष्काम कर्म करना ही सच्ची पूजा : याज्ञिक जी

सहारनपुर – 4 अप्रैल, 2018 :  “यदि आप अपना उद्धार करना चाहते हैं तो प्राणिमात्र के कल्याण की भावना और निस्वार्थ भाव से कर्म करने का स्वभाव बनाएं – यही मानव धर्म है।“  हरि मंदिर, आवास विकास में श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान (रजि.) द्वारा आयोजित श्रीमद्‍ भागवत सप्ताह...
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विद्वान होना काफी नहीं, सच्चरित्रता भी आवश्यक है।

सहारनपुर – 3 अप्रैल, 2018 :  आवास विकास स्थित श्री हरि मंदिर में चल रही श्रीमद्‍ भागवत कथा के दूसरे सत्र में कथा व्यास भागवत भूषण पं. जय प्रकाश याज्ञिक जी महाराज ने अन्तःकरण की शुद्धि का सरल मार्ग बताया ।   उन्होंने कहा कि अन्तःकरण में मन, बुद्धि,  चि...
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शोक और दुःखों का नाश करती है श्रीमद्‍भागवत कथा

सहारनपुर : 2 अप्रैल 2018 – श्री हरि मंदिर, आवास विकास में आज से सप्ताह भर का श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ आरंभ हो गया है। श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान (रजि.) के बैनर तले चलने वाले इस आयोजन का शुभारंभ प्रातः 7 बजे मुख्य यजमान द्वारा श्रीमद्भागवत के पूजन से हुआ। इसके तुरन्त ब...
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