सहारनपुर – 28 मई – परिश्रम किये बिना कहीं से संपत्ति मिल जाने पर वह संपत्ति हमारी बुद्धि को भ्रष्ट करती है, हमें अभिमानी बना देती है। अधिक संपत्ति हो जाये तो व्यक्ति पथभ्रष्ट होकर अपनी बरबादी की राह पर बढ़ने लगता है, मदिरापान, जुआखोरी, परस्त्री संग दोष आदि व...
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