default-logo

संतोष, संयम और सहनशीलता के प्रतीक हैं सुदामा : याज्ञिक जी

Comment are off
सहारनपुर : 9 अप्रैल 2018 :  श्री हरि मंदिर आवास विकास में श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान के द्वारा आयोजित सप्ताह भर के श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का समापन करने से पूर्व कथाव्यास पं. जय प्रकाश याज्ञिक जी ने सुदामा और कृष्ण की मित्रता और भक्ति के रहस्य पर से पर्दा उठाते हुए बताया कि सुदामा जी ऐसे ही भगवत् भक्त हुए हैं जिन्होंने दुखों व अभावों को कभी अपनी और श्री कृष्ण की मित्रता के आड़े नहीं आने दिया। उनको जो भी मिला, संतोष के साथ ग्रहण किया।  पत्नी के बार – बार समझाने पर जब वह श्रीकृष्ण से मिलने द्वारिका पहुंचे तो सारी बात हुईं पर उनके मुख से वही नहीं निकला जो उनकी पत्नी ने समझा कर भेजा था।  उनका दृढ़ विश्वास था कि जीवन में प्रभु ने जो दिया है, वह कम नहीं और जो मिला है, उसे ही आवश्यकता पूर्ति का साधन समझना चाहिये। ...
Read More →

योग स्थूल से सूक्ष्म की ओर यात्रा है : योगाचार्य सुरेन्द्र

Comment are off
सहारनपुर – 7 अप्रैल, 2018 :  योग साधना स्थूल से सूक्ष्म,प्रदर्शन से दर्शन,द्वंद्व से निर्द्वंद्विता और अनंत की ओर प्रयाण है। ‘योग’ साधक के जीवन की एक घटना है और यह उसी सुपात्र साधक के जीवन में घटती है जो गुरु मार्गदर्शन में योग के शास्त्रोक्त स्वरूप को समझ उसे जीवन आचरण में लाते हुए नियमित अभ्यास में गतिमान रहता है।इसलिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है योग के मूल स्वरूप को समझते हुए नियमित अभ्यास का सङ्कल्प लेते हुए नियमित अभ्यास करना। भले ही आप 10 मिनट से प्रारम्भ करें परन्तु करें नियमित। लोग प्रायः दीर्घ जीवन जीने की कामना तो करते हैं परंतु जीवन से प्रेम नहीं करते। समय रहते स्वयं के  लिए समय निकाल योगाभ्यास में नियमित होने में ही समझदारी है। आज सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए सूक्ष्म यौगिक क्रियाओं के अतिरिक्त  अर्धकटिचक्रासन, उत्कटासन, वज्रासन, अर्धताडासन, ...
Read More →

बिना आसक्ति के उपभोग ही श्रेष्ठ : भागवत भूषण

Comment are off
सहारनपुर – 5 अप्रैल, 2018 :  हरि मंदिर, आवास विकास में श्री रामकृष्ण सेवा संस्थान (रजि.) द्वारा आयोजित श्रीमद्‍ भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे सत्र में कथा व्यास भागवत भूषण पं. जय प्रकाश जी ’याज्ञिक’ ने उपस्थित श्रद्धालुओं को कहा कि शरीर धर्म के निर्वाह के लिये शरीर की आवश्यकताओं की पूर्ति करना आवश्यक है, और इनकी पूर्ति करना सामाजि...
Read More →

विद्वान होना काफी नहीं, सच्चरित्रता भी आवश्यक है।

Comment are off
सहारनपुर – 3 अप्रैल, 2018 :  आवास विकास स्थित श्री हरि मंदिर में चल रही श्रीमद्‍ भागवत कथा के दूसरे सत्र में कथा व्यास भागवत भूषण पं. जय प्रकाश याज्ञिक जी महाराज ने अन्तःकरण की शुद्धि का सरल मार्ग बताया ।   उन्होंने कहा कि अन्तःकरण में मन, बुद्धि,  चित्त और अहं – ये चार तत्व सम्मिलित हैं।  अन्तःकरण को शुद्ध करने के लिये श्रीमद्‍भागवत कथा का श्रवण नियमित रू...
Read More →